Hope Poetry of Abdul Ahad Saaz
नाम | अब्दुल अहद साज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Ahad Saaz |
जन्म की तारीख | 1950 |
जन्म स्थान | Mumbai |
शायरी तलब अपनी शायरी अता उस की
मिरी रफ़ीक़-ए-नफ़्स मौत तेरी उम्र दराज़
पस-ए-तक़रीब-ए-मुलाक़ात
ना-काम कोशिश
इंतिज़ार बाक़ी है
बे-निशाँ होने से पहले
अलविदा
आवाज़ के मोती
आरज़ू
ज़िक्र हम से बे-तलब का क्या तलबगारी के दिन
सोच कर भी क्या जाना जान कर भी क्या पाया
सवाल का जवाब था जवाब के सवाल में
मिरी निगाहों पे जिस ने शाम ओ सहर की रानाइयाँ लिखी हैं
मंज़र शमशान हो गया है
लफ़्ज़ों के सहरा में क्या मा'नी के सराब दिखाना भी
हम अपने ज़ख़्म कुरेदते हैं वो ज़ख़्म पराए धोते थे
हसरत-ए-दीद नहीं ज़ौक़-ए-तमाशा भी नहीं
हर इक धड़कन अजब आहट
दूर से शहर-ए-फ़िक्र सुहाना लगता है
दिखाई देने के और दिखाई न देने के दरमियान सा कुछ
बजा कि लुत्फ़ है दुनिया में शोर करने का
अज़दवाजी ज़िंदगी भी और तिजारत भी अदब भी
अबस है राज़ को पाने की जुस्तुजू क्या है