Ghazals of Abdur Rahim Nashtar
नाम | अब्दुर्रहीम नश्तर |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Abdur Rahim Nashtar |
जन्म स्थान | Aurangabad |
वो सो रहा है ख़ुदा दूर आसमानों में
वो शख़्स जिस ने ख़ुद अपना लहू पिया होगा
टूट कर देर तलक प्यार किया है मुझ को
सफ़ेद-पोश दरिंदों ने गुल खिलाए थे
फिर इक नए सफ़र पे चला हूँ मकान से
पंछियों के रू-ब-रू क्या ज़िक्र-ए-नादारी करूँ
मैं तेरी चाह में झूटा हवस में सच्चा हूँ
इन काली सड़कों प अक्सर ध्यान आया
दश्त-ए-अफ़्कार में सूखे हुए फूलों से मिले
चट्टान के साए में खड़ा सोच रहा हूँ
अगर हो ख़ौफ़-ज़दा ताक़त-ए-बयाँ कैसी