Sad Poetry of Ahmad Hamdani

Sad Poetry of Ahmad Hamdani
नामअहमद हमदानी
अंग्रेज़ी नामAhmad Hamdani
जन्म की तारीख1927
मौत की तिथि2015
जन्म स्थानKarachi

तू मयस्सर था तो दिल में थे हज़ारों अरमाँ

ये तेरी चाह भी क्या तेरी आरज़ू भी क्या

याद क्या क्या लोग दश्त-ए-बे-कराँ में आए थे

नित-नए रंग से करता रहा दिल को पामाल

नहीं मिलते वो अब तो क्या बात है

मुज़्तरिब हैं वक़्त के ज़र्रात सूरज से कहो

मुँह अँधेरे घर से निकले फिर थे हंगामे बहुत

लम्हा लम्हा कह रही हैं कुछ फ़ज़ाएँ आग की

कुछ उस को याद करूँ उस का इंतिज़ार करूँ

गर्द कैसी है ये धुआँ सा क्या

दिलों को रंज ये कैसा है ये ख़ुशी क्या है

दिल तुझे पा के भी तन्हा होता

चाँद ओझल हो गया हर इक सितारा बुझ गया

अज़ल अबद से बहुत दूर झूमते थे हम

अब ये होगा शायद अपनी आग में ख़ुद जल जाएँगे

अहमद हमदानी Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अहमद हमदानी. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अहमद हमदानी. Share the अहमद हमदानी Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.