अहमद ख़याल कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अहमद ख़याल (page 2)

अहमद ख़याल कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अहमद ख़याल (page 2)
नामअहमद ख़याल
अंग्रेज़ी नामAhmad Khayal
जन्म की तारीख1979

कल रात इक अजीब पहेली हुई हवा

जुनूँ को रख़्त किया ख़ाक को लिबादा किया

जो तिरे ग़म की गिरानी से निकल सकता है

जिस समय तेरा असर था मुझ में

जैसी होनी हो वो रफ़्तार नहीं भी होती

हर एक रंग धनक की मिसाल ऐसा था

ग़ुबार-ए-अब्र बन गया कमाल कर दिया गया

ग़ुबार अब्र बन गया कमाल कर दिया गया

फ़ना के दश्त में कब का उतर गया था मैं

फ़लक के रंग ज़मीं पर उतारता हुआ मैं

दस्त-बस्तों को इशारा भी तो हो सकता है

दश्त ओ जुनूँ का सिलसिला मेरे लहू में आ गया

दश्त में वादी-ए-शादाब को छू कर आया

दरिया में दश्त दश्त में दरिया सराब है

बस्ती से चंद रोज़ किनारा करूँगा मैं

ऐ तअ'स्सुब ज़दा दुनिया तिरे किरदार पे ख़ाक

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