Coupletss of Ahmad Khayal
नाम | अहमद ख़याल |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Khayal |
जन्म की तारीख | 1979 |
कविताएं
Ghazal 27
Couplets 19
Love 18
Sad 21
Heart Broken 25
Hope 9
Friendship 1
Islamic 1
Sufi 2
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 4
ये भी तिरी शिकस्त नहीं है तो और क्या
ये भी एजाज़ मुझे इश्क़ ने बख़्शा था कभी
वो ज़हर है फ़ज़ाओं में कि आदमी की बात क्या
वो सर उठाए यहाँ से पलट गया 'अहमद'
वो दे रहा था तलब से सिवा सभी को 'ख़याल'
तुम्हारी जीत में पिन्हाँ है मेरी जीत कहीं
तू जो ये जान हथेली पे लिए फिरता है
सुकूत तोड़ने का एहतिमाम करना चाहिए
मेरे कश्कोल में डाल और ज़रा इज्ज़ कि मैं
मैं था सदियों के सफ़र में 'अहमद'
महकते फूल सितारे दमकता चाँद धनक
कोई तो दश्त समुंदर में ढल गया आख़िर
कोई हैरत है न इस बात का रोना है हमें
किसी दरवेश के हुजरे से अभी आया हूँ
हवा के हाथ पे छाले हैं आज तक मौजूद
दिल किसी बज़्म में जाते ही मचलता है 'ख़याल'
दश्त में वादी-ए-शादाब को छू कर आया
बस चंद लम्हे पेश-तर वो पाँव धो के पल्टा है
ऐन मुमकिन है कि बीनाई मुझे धोका दे