Ghazals of Ahmad Shanas

Ghazals of Ahmad Shanas
नामअहमद शनास
अंग्रेज़ी नामAhmad Shanas

ज़माना हो गया है ख़्वाब देखे

ज़माना हो गया है ख़्वाब देखे

ये वक़्त रौशनी का मुख़्तसर है

यहाँ हर लफ़्ज़ मअनी से जुदा है

तसव्वुर को जगा रक्खा है उस ने

सुब्ह-ए-वजूद हूँ कि शब-ए-इंतिज़ार हूँ

फूलों में एक रंग है आँखों के नीर का

मोहब्बतों को कहीं और पाल कर देखो

मेरी रातों का सफ़र तूर नहीं हो सकता

मिरी आँखों में आ दिल में उतर पैवंद-ए-जाँ हो जा

मैं फ़तह-ए-ज़ात मंज़र तक न पहुँचा

लम्हा लम्हा रोज़ ओ शब को देर होती जाएगी

कुछ शफ़क़ डूबते सूरज की बचा ली जाए

जिस्म के बयाबाँ में दर्द की दुआ माँगें

इमरोज़ की कश्ती को डुबोने के लिए हूँ

है वाहिमों का तमाशा यहाँ वहाँ देखो

दश्त-ए-उम्मीद में ख़्वाबों का सफ़र करना था

बस इक जहान-ए-तहय्युर से आने वाला है

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