Hope Poetry of Akhtar Shahjahanpuri

Hope Poetry of Akhtar Shahjahanpuri
नामअख़तर शाहजहाँपुरी
अंग्रेज़ी नामAkhtar Shahjahanpuri

यारान-ए-तेज़-गाम से रंजिश कहाँ है अब

वक़्त बे-रहम है मक़्तल की ज़मीनों जैसा

राह-ए-वफ़ा में कोई हमें जानता न था

क़िस्मत में दर्द है तो दवा ही न लाऊँगा

कहाँ से लाएँगे आँसू अज़ा-दारी के मौसम में

जो पलकों पर मिरी ठहरा हुआ है

जो फ़क़त शोख़ी-ए-तहरीर भी हो सकती है

जब मुख़ालिफ़ मिरा राज़-दाँ हो गया

हाथ जब मौसम के गीले हो गए हैं

इक उम्र भटकते रहे घर ही नहीं आया

अगर बुलंदी का मेरी वो ए'तिराफ़ करे

अख़तर शाहजहाँपुरी Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अख़तर शाहजहाँपुरी. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अख़तर शाहजहाँपुरी. Share the अख़तर शाहजहाँपुरी Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.