Love Poetry of Akhtar Shahjahanpuri

Love Poetry of Akhtar Shahjahanpuri
नामअख़तर शाहजहाँपुरी
अंग्रेज़ी नामAkhtar Shahjahanpuri

वक़्त बे-रहम है मक़्तल की ज़मीनों जैसा

समुंदर सब के सब पायाब से हैं

लम्हा लम्हा यही सोचूँ यही देखा चाहूँ

कहाँ से लाएँगे आँसू अज़ा-दारी के मौसम में

जो क़तरे में समुंदर देखते हैं

जो फ़क़त शोख़ी-ए-तहरीर भी हो सकती है

जब मुख़ालिफ़ मिरा राज़-दाँ हो गया

हाथ जब मौसम के गीले हो गए हैं

इक उम्र भटकते रहे घर ही नहीं आया

दिल बहलने के वसीले दे गया वो

अगर बुलंदी का मेरी वो ए'तिराफ़ करे

अख़तर शाहजहाँपुरी Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अख़तर शाहजहाँपुरी. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अख़तर शाहजहाँपुरी. Share the अख़तर शाहजहाँपुरी Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.