Hope Poetry of Alam Khursheed

Hope Poetry of Alam Khursheed
नामआलम ख़ुर्शीद
अंग्रेज़ी नामAlam Khursheed
जन्म की तारीख1959
जन्म स्थानPatna

याद करते हो मुझे सूरज निकल जाने के बा'द

तुम जिस को ढूँडते हो ये महफ़िल नहीं है वो

थपक थपक के जिन्हें हम सुलाते रहते हैं

सियाह रात के बदन पे दाग़ बन के रह गए

मिरे हिसार से बाहर बुला रहा है मुझे

मैं जिस जगह भी रहूँगा वहीं पे आएगा

क्यूँ आँखें बंद कर के रस्ते में चल रहा हूँ

कभी कभी कितना नुक़सान उठाना पड़ता है

जब तक खुली नहीं थी असरार लग रही थी

जाना तो बहुत दूर है महताब से आगे

आलम ख़ुर्शीद Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by आलम ख़ुर्शीद. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by आलम ख़ुर्शीद. Share the आलम ख़ुर्शीद Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.