Love Poetry of Alam Khursheed

Love Poetry of Alam Khursheed
नामआलम ख़ुर्शीद
अंग्रेज़ी नामAlam Khursheed
जन्म की तारीख1959
जन्म स्थानPatna

माँगती है अब मोहब्बत अपने होने का सुबूत

किसी को ढूँडते हैं हम किसी के पैकर में

इश्क़ में तहज़ीब के हैं और ही कुछ फ़लसफ़े

इस फ़ैसले से ख़ुश हैं अफ़राद घर के सारे

ज़रा सी धूप ज़रा सी नमी के आने से

थपक थपक के जिन्हें हम सुलाते रहते हैं

तिरे ख़याल को ज़ंजीर करता रहता हूँ

तह-ब-तह है राज़ कोई आब की तहवील में

सियाह रात के बदन पे दाग़ बन के रह गए

नए सिरे से कोई सफ़र आग़ाज़ नहीं करता

मैं जिस जगह भी रहूँगा वहीं पे आएगा

मैं जिधर जाऊँ मिरा ख़्वाब नज़र आता है

क्यूँ आँखें बंद कर के रस्ते में चल रहा हूँ

जब तक खुली नहीं थी असरार लग रही थी

जाना तो बहुत दूर है महताब से आगे

हम को लुत्फ़ आता है अब फ़रेब खाने में

बस एक तिरे ख़्वाब से इंकार नहीं है

आलम ख़ुर्शीद Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by आलम ख़ुर्शीद. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by आलम ख़ुर्शीद. Share the आलम ख़ुर्शीद Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.