Ghazals of Ammar Iqbal
नाम | अम्मार इक़बाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Ammar Iqbal |
जन्म की तारीख | 1989 |
कविताएं
Ghazal 11
Nazam 1
Couplets 9
Love 3
Sad 7
Heart Broken 8
Hope 3
Friendship 1
Sufi 3
बारिश 1
ख्वाब 3
ज़रा सी देर जले जल के राख हो जाए
यूँही बे-बाल-ओ-पर खड़े हुए हैं
तीरगी ताक़ में जड़ी हुई है
तख़य्युल को बरी करने लगा हूँ
रात से जंग कोई खेल नईं
पहले हमारी आँख में बीनाई आई थी
मुझ से बनता हुआ तू तुझ को बनाता हुआ मैं
ख़ुद-परस्ती से इश्क़ हो गया है
जाओ मातम गुज़ारो जाने दो
जहल को आगही बनाते हुए
अक्स कितने उतर गए मुझ में