हम आइने में तिरा अक्स देखने के लिए
कई चराग़ नदी में बहाने लगते हैं
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
Gulzar
Anwar Masood
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(812) Peoples Rate This
ये लोग ढूँड रहे हैं यहाँ वहाँ मुझ को
जा तुझे तेरे हवाले कर दिया
वो फूल हो सितारा हो शबनम हो झील हो
याद रक्खेगा मिरा कौन फ़साना मिरे दोस्त
अगर ख़ुशी में तुझे गुनगुनाते लगते हैं
ऐ जुनूँ उस की कहानी भी सुनाऊँगा तुझे
दिल किसी ख़्वाहिश का उकसाया हुआ
अजब तरह के कमाल करने भी आ गए हैं
मैं सीखता रहा इक उम्र हाव-हू करना
पीला था चाँद और शजर बे-लिबास थे
ताएरों की उड़ान में हम हैं