Sad Poetry of Baqi Ahmad Puri

Sad Poetry of Baqi Ahmad Puri
नामबाक़ी अहमदपुरी
अंग्रेज़ी नामBaqi Ahmad Puri
जन्म की तारीख1950
जन्म स्थानAhmed Pur Lamma

सारी बस्ती में फ़क़त मेरा ही घर है बे-चराग़

यूँ सितमगर नहीं होते जानाँ

उड़े नहीं हैं उड़ाए हुए परिंदे हैं

तू नहीं तो तेरा दर्द-ए-जाँ-फ़ज़ा मिल जाएगा

तेरी तरह मलाल मुझे भी नहीं रहा

सामने सब के न बोलेंगे हमारा क्या है

रोज़-ए-वहशत है मिरे शहर में वीरानी की

मुझ से बिछड़ के वो भी परेशान था बहुत

दश्त-ओ-दरिया के ये उस पार कहाँ तक जाती

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