किसी ने चूम के आँखों को ये दुआ दी थी
ज़मीन तेरी ख़ुदा मोतियों से नम कर दे
Rahat Indori
Habib Jalib
Wasi Shah
Jaun Eliya
Anwar Masood
Gulzar
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1304) Peoples Rate This
हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में
जी बहुत चाहता है सच बोलें
फूल बरसे कहीं शबनम कहीं गौहर बरसे
मुझ से बिछड़ के ख़ुश रहते हो
यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें
कोई लश्कर कि धड़कते हुए ग़म आते हैं
वो जिन के ज़िक्र से रगों में दौड़ती थीं बिजलियाँ
कितनी सच्चाई से मुझ से ज़िंदगी ने कह दिया
सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं को लाए थे
मिरी नज़र में ख़ाक तेरे आइने पे गर्द है
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला