Heart Broken Poetry of Bashir Mehtaab
नाम | बशीर महताब |
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अंग्रेज़ी नाम | Bashir Mehtaab |
जन्म की तारीख | 1994 |
जन्म स्थान | Jammu & Kashmir |
सुहाने सपने आए हैं
सब की मौजूदगी समझता है
रुख़ तुम्हारा हो जिधर हम भी उधर हो जाएँगे
न आने के उन के बहाने भी देखे
माना उस को गिला नहीं मुझ से
किस मस्ती में अब रहता हूँ
जब से मिरे रक़ीब का रस्ता बदल गया
इक लम्हा भी गुज़ारूँ भला क्यूँ किसी के साथ
चले जाना मगर सुन लो मिरे दिल में ये हसरत है
आज-कल के शबाब देखे हैं