Ghazals of Basir Sultan Kazmi

Ghazals of Basir Sultan Kazmi
नामबासिर सुल्तान काज़मी
अंग्रेज़ी नामBasir Sultan Kazmi
जन्म की तारीख1953
जन्म स्थानLahore

तुझ को देख रहा हूँ मैं

था जो कभी इक शौक़-ए-फ़ुज़ूल

क़रार पाते हैं आख़िर हम अपनी अपनी जगह

कितना काम करेंगे

ख़त में क्या क्या लिखूँ याद आती है हर बात पे बात

कर लिया दिन में काम आठ से पाँच

जिन दिनों ग़म ज़ियादा होता है

हम जैसे तेग़-ए-ज़ुल्म से डर भी गए तो क्या

होते हैं जो सब के वो किसी के नहीं होते

हज़ार कहता रहा मैं कि यार एक मिनट

हर-चंद मेरे हाल से वो बे-ख़बर नहीं

दूर साया सा है क्या फूलों में

दिल में हर-चंद आरज़ू थी बहुत

दिल लगा लेते हैं अहल-ए-दिल वतन कोई भी हो

बादल है और फूल खिले हैं सभी तरफ़

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