Friendship Poetry of Bekhud Dehlvi

Friendship Poetry of Bekhud Dehlvi
नामबेख़ुद देहलवी
अंग्रेज़ी नामBekhud Dehlvi
जन्म की तारीख1863
मौत की तिथि1955
जन्म स्थानDelhi

सौदा-ए-इश्क़ और है वहशत कुछ और शय

हो लिए जिस के हो लिए 'बेख़ुद'

वो सुन कर हूर की तारीफ़ पर्दे से निकल आए

शौक़ अपना आप मैं अपनी ज़बाँ से क्यूँ कहूँ

शम-ए-मज़ार थी न कोई सोगवार था

मुँह फेर कर वो कहते हैं बस मान जाइए

मुझ को न दिल पसंद न वो बेवफ़ा पसंद

माशूक़ हमें बात का पूरा नहीं मिलता

लड़ाएँ आँख वो तिरछी नज़र का वार रहने दें

क्यूँ कह के दिल का हाल उसे बद-गुमाँ करूँ

दोनों ही की जानिब से हो गर अहद-ए-वफ़ा हो

ऐसा बना दिया तुझे क़ुदरत ख़ुदा की है

आशिक़ समझ रहे हैं मुझे दिल लगी से आप

आशिक़ हैं मगर इश्क़ नुमायाँ नहीं रखते

बेख़ुद देहलवी Friendship Poetry in Hindi - Read famous Friendship Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बेख़ुद देहलवी. Largest collection of Friendship Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बेख़ुद देहलवी. Share the बेख़ुद देहलवी Friendship Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.