मैं नफ़ी में

नहीं मैं नहीं हूँ

किसी दूसरे ने मुझे ''मैं'' कहा है

तो में हो गया हूँ

नफ़स खींचता हूँ

मगर ज़िंदगी मेरी ख़्वाहिश नहीं है

मुझे ज़िंदगी ने चुना है

लिहाज़ा मिरे फ़ैसले ज़िंदगी कर रही

मैं रोता नहीं हूँ

मिरी आँख से ओस के फूल

ग़म की हवाएँ गिराती हैं

कलियाँ हँसी की

मिरे लब पे खिलती नहीं हैं

ख़ुशी की बहारें खिलाती हैं

ख़ुद आती जाती हैं दिल में तमन्नाएँ

मैं कब बुलाता हूँ

(मेरी कमाई

फ़क़त ना-रसाई है)

मैं ने मोहब्बत भी कब मुंतख़ब की है

उस ने मुझे अपनी फ़हरिस्त में लिख लिया है

मुझे ख़्वाब आते नहीं हैं

सो ख़्वाबों ने तय कर लिया है

कि आइंदा वो मेरी आँखों के बोसों से

कोसों के लम्बे सफ़र पर चलेंगे

नहीं मैं कवी भी नहीं हूँ

मुझे नज़्म लिखती है

मैं नज़्म लिखता नहीं हूँ

(972) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Main Nafi Mein In Hindi By Famous Poet Daniyal Tareer. Main Nafi Mein is written by Daniyal Tareer. Complete Poem Main Nafi Mein in Hindi by Daniyal Tareer. Download free Main Nafi Mein Poem for Youth in PDF. Main Nafi Mein is a Poem on Inspiration for young students. Share Main Nafi Mein with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.