सुन नसीहत मिरी ऐ ज़ाहिद-ए-ख़ुश्क
अश्क के आब बिन वुज़ू मत कर
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Anwar Masood
Habib Jalib
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(766) Peoples Rate This
तुझ हिज्र की अगन कूँ बूझाने ऐ संग दिल
शीशा-ए-आबरू सँभाल ऐ दिल
यक क़दम राह-ए-दोस्त है 'दाऊद'
अगर वो गुल-बदन मुझ पास हो जावे तो क्या होवे
तेरी अँखियाँ के तसव्वुर में सदा मस्ताना हूँ
जब परी-रू हिजाब करते हैं
जब मिला यार तू अग़्यार सेती क्या मतलब
ख़िर्क़ा-पोशी में ख़ुद-नुमाई है
जब वो मह-ए-रुख़्सार यकायक नज़र आया
मिरा अहवाल चश्म-ए-यार सूँ पूछ
मस्त हूँ मस्त हूँ ख़राब ख़राब