तलाश

मेरे गाँव में मेरे घर के क़रीब

झील है एक ख़ूबसूरत सी

उस का शफ़्फ़ाफ़ नीलगूँ पानी

कितना ख़ामोश और साकिन है

बैठ कर मैं कभी किनारे पर

उस के पानी में फेंक कर पत्थर

उस में हलचल मचाता रहता हूँ

और इस वक़्त उस की वो हलचल

दिल को कितना सुकून देती है

लेकिन अफ़सोस थोड़ी देर के बा'द

ख़त्म हो जाता है वो मद्द-ओ-जज़्र

और मैं पत्थर तलाश करता हूँ

ताकि मच जाए फिर वही हलचल

मैं ने फेंके हैं इस क़दर पत्थर

अब तो मुश्किल से कोई मिलता है

और वो भी बड़ी तलाश के बा'द

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Talash In Hindi By Famous Poet Fakhr Zaman. Talash is written by Fakhr Zaman. Complete Poem Talash in Hindi by Fakhr Zaman. Download free Talash Poem for Youth in PDF. Talash is a Poem on Inspiration for young students. Share Talash with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.