आवाज़ पे संगीत का होता है भरम
करवट लेती है नर्म लय में सरगम
ये बोल सुरीले थरथराती है फ़ज़ा
अन-देखे साज़ का खनकना पैहम
Gulzar
Allama Iqbal
Wasi Shah
Parveen Shakir
Habib Jalib
Jaun Eliya
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
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सितारों से उलझता जा रहा हूँ
मैं देर तक तुझे ख़ुद ही न रोकता लेकिन
बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मा'लूम
आँखों में जो बात हो गई है
देख रफ़्तार-ए-इंक़लाब 'फ़िराक़'
ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त
ज़िंदगी दर्द की कहानी है
ज़ेर-ओ-बम से साज़-ए-ख़िलक़त के जहाँ बनता गया
सर-ता-ब-क़दम रुख़-ए-निगारीं है कि तन
तू हाथ को जब हाथ में ले लेती है
ये माना ज़िंदगी है चार दिन की
फ़ज़ा तबस्सुम-ए-सुब्ह-ए-बहार थी लेकिन