ज़िंदगी

ज़िंदगी

इतनी सादा भी नहीं कि एक ब्लैक-एण्ड-वाइट टी-वी-सेट

उस के रंगों का अहाता कर सके

मगर रंगीन-सेट भी तो शाइराना मुबालग़े से काम लेते हैं

हो सकता है पॉकेट-भर हयात में सात पॉकेट रंग

उँडेलने वालों की हक़ीक़ी ज़िंदगी यही हो

रूह और ज़मीर की उम्र-भर की कमाई सियाह रंग की पुड़िया है

किसी फ़ाहिशा के बदन से उड़ते हुए लम्हे का

धनक-भर मुआवज़ा तो नहीं

माहेरीन गिरानी और गुनाह में तनासुब-ए-माकूस नहीं मानते

तो आओ ज़िंदगी को इन्ही निगेटीव्ज़ में देखें

(768) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Zindagi In Hindi By Famous Poet Ghulam Mohammad Qasir. Zindagi is written by Ghulam Mohammad Qasir. Complete Poem Zindagi in Hindi by Ghulam Mohammad Qasir. Download free Zindagi Poem for Youth in PDF. Zindagi is a Poem on Inspiration for young students. Share Zindagi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.