Sad Poetry of Gulzar Bukhari
नाम | गुलज़ार बुख़ारी |
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अंग्रेज़ी नाम | Gulzar Bukhari |
जन्म की तारीख | 1949 |
कविताएं
Ghazal 13
Couplets 5
Qita 3
Love 10
Sad 9
Heart Broken 10
Bewafa 1
Hope 4
Social 2
बारिश 2
ख्वाब 2
Sharab 1
ज़ाहिर मुसाफ़िरों का हुनर हो नहीं रहा
वफ़ा की तश्हीर करने वाला फ़रेब-गर है सितम तो ये है
तिरी उमीदों का साथ देगी इनायत-ए-बर्ग-ओ-बार कब तक
तिरी तलब ने फ़लक पे सब के सफ़र का अंजाम लिख दिया है
हम शाद हों क्या जब तक आज़ार सलामत है
दिए से यूँ दिया जलता रहेगा
अक्स-ए-रौशन तिरा आईना-ए-जाँ में रक्खा
आँधी में बिसात उलट गई है
आईने का मुँह भी हैरत से खुला रह जाएगा