दुनिया तो चाहती है यूँही फ़ासले रहें
दुनिया के मश्वरों पे न जा उस गली में चल
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Jaun Eliya
Habib Jalib
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Gulzar
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तू रंग है ग़ुबार हैं तेरी गली के लोग
सहाफ़ी से
मीरा-जी
अहद-ए-सज़ा
मेरी बच्ची
'नूर-जहाँ'
ये सोच कर न माइल-ए-फ़रियाद हम हुए
रोए भगत कबीर
सब्ज़ा-ज़ारों में गुज़र था अपना
सच ही लिखते जाना
तेरी आँखों का अजब तुर्फ़ा समाँ देखा है
हम ने दिल से तुझे सदा माना