Baarish Poetry of Hakeem Manzoor
नाम | हकीम मंज़ूर |
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अंग्रेज़ी नाम | Hakeem Manzoor |
कविताएं
Ghazal 28
Couplets 16
Love 26
Sad 19
Heart Broken 30
Bewafa 2
Hope 10
Friendship 2
Islamic 3
Sufi 2
Social 1
बारिश 6
ख्वाब 8
सारे मामूलात में इक ताज़ा गर्दिश चाहिए
सारे चेहरे ताँबे के हैं लेकिन सब पर क़लई है
कुछ समझ आया न आया मैं ने सोचा है उसे
ख़ुशबुओं की दश्त से हमसायगी तड़पाएगी
बयाबाँ-ज़ाद कोई क्या कहे ख़ुद बे-मकाँ है
अजब सहरा बदन पर आब का इबहाम रक्खा है