Coupletss of Hakeem Manzoor
नाम | हकीम मंज़ूर |
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अंग्रेज़ी नाम | Hakeem Manzoor |
कविताएं
Ghazal 28
Couplets 16
Love 26
Sad 19
Heart Broken 30
Bewafa 2
Hope 10
Friendship 2
Islamic 3
Sufi 2
Social 1
बारिश 6
ख्वाब 8
तुझ पे खुल जाएँगे ख़ुद अपने भी असरार कई
तेरी आँखों में आँसू भी देखे हैं
शहर के आईन में ये मद भी लिक्खी जाएगी
रेज़ा रेज़ा रात भर जो ख़ौफ़ से होता रहा
न जाने किस लिए रोता हूँ हँसते हँसते मैं
मुझ में थे जितने ऐब वो मेरे क़लम ने लिख दिए
जो मेरे पास था सब लूट ले गया कोई
इतना बदल गया हूँ कि पहचानने मुझे
हम किसी बहरूपिए को जान लें मुश्किल नहीं
हर एक आँख को कुछ टूटे ख़्वाब दे के गया
गिरेगी कल भी यही धूप और यही शबनम
देखते हैं दर-ओ-दीवार हरीफ़ाना मुझे
छोड़ कर बार-ए-सदा वो बे-सदा हो जाएगा
बाग़ में होना ही शायद सेब की पहचान थी
अपनी नज़र से टूट कर अपनी नज़र में गुम हुआ
अगरचे उस की हर इक बात खुरदुरी है बहुत