Heart Broken Poetry of Hakeem Nasir

Heart Broken Poetry of Hakeem Nasir
नामहकीम नासिर
अंग्रेज़ी नामHakeem Nasir
जन्म की तारीख1947
मौत की तिथि2007
जन्म स्थानKarachi

ये तमाशा भी अजब है उन के उठ जाने के बाद

तुम्हारे बाद उजाले भी हो गए रुख़्सत

जिस ने भी मुझे देखा है पत्थर से नवाज़ा

दो घड़ी दर्द ने आँखों में भी रहने न दिया

आप क्या आए कि रुख़्सत सब अंधेरे हो गए

ज़िंदगी को न बना लें वो सज़ा मेरे बाद

मय-कशी गर्दिश-ए-अय्याम से आगे न बढ़ी

कभी वो हाथ न आया हवाओं जैसा है

जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है

जब भी जलेगी शम्अ तो परवाना आएगा

इश्क़ कर के देख ली जो बेबसी देखी न थी

इस राह-ए-मोहब्बत में तो आज़ार मिले हैं

हाए वो वक़्त-ए-जुदाई के हमारे आँसू

ऐ दोस्त कहीं तुझ पे भी इल्ज़ाम न आए

आँखों ने हाल कह दिया होंट न फिर हिला सके

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