कौन कहता है कि आ कर देख लो
हाल आशिक़ का बुला कर देख लो
पूछते क्या हो कि दिल में कौन है
लो ये आईना उठा कर देख लो
पूछना ये है कि पूछो मुझ से हाल
देखना ये है कि आ कर देख लो
वो अगर देखे तो आँखें फूट जाएँ
तुम 'हसन' को छुप-छुपा कर देख लो
Anwar Masood
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मिल गया दिल निकल गया मतलब
हर सुख़न में वो सेहर करते हैं
चश्म-ए-ज़ाहिर से रुख़-ए-यार का पर्दा देखा
छुप गया यार ख़ुद-नुमा हो कर
देख आओ मरीज़-ए-फ़ुर्क़त को
आईना तुम्हारे नक़्श-ए-पा का
जब मिरा महर जल्वा-गर होगा
वो मन गए तो वस्ल का होगा मज़ा नसीब
गुलशन-ए-ख़ुल्द की क्या बात है क्या कहता है
हुस्न जब मक़्तल की जानिब तेग़-ए-बुर्राँ ले चला
तुम भी हो ख़ंजर-ए-खुशाब भी है
जो ख़ास जल्वे थे उश्शाक़ की नज़र के लिए