Sad Poetry of Hatim Ali Mehr (page 2)
नाम | हातिम अली मेहर |
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अंग्रेज़ी नाम | Hatim Ali Mehr |
कविताएं
Ghazal 51
Couplets 38
Love 46
Sad 36
Heart Broken 43
Bewafa 6
Hope 22
Friendship 30
Islamic 27
Social 2
देशभक्तिपूर्ण 4
बारिश 1
ख्वाब 16
Sharab 19
दोपहर रात आ चुकी हीला-बहाना हो चुका
दिल ले गई वो ज़ुल्फ़-ए-रसा काम कर गई
चैन पहलू में उसे सुब्ह नहीं शाम नहीं
बुतों का ज़िक्र करो वाइज़ ख़ुदा को किस ने देखा है
आलम-ए-हैरत का देखो ये तमाशा एक और
आफ़्ताब अब नहीं निकलने का