Sharab Poetry (page 4)
बग़ैर यार गवारा नहीं कबाब शराब
इमदाद अली बहर
बद-तालई का इलाज क्या हो
इमदाद अली बहर
आश्ना कोई बा-वफ़ा न मिला
इमदाद अली बहर
आरास्तगी बड़ी जिला है
इमदाद अली बहर
आबला ख़ार-ए-सर-ए-मिज़्गाँ ने फोड़ा साँप का
इमदाद अली बहर
हम मय-कशों को डर नहीं मरने का मोहतसिब
इमाम बख़्श नासिख़
वो बेज़ार मुझ से हुआ ज़ार मैं हूँ
इमाम बख़्श नासिख़
तू ने महजूर कर दिया हम को
इमाम बख़्श नासिख़
रिफ़अत कभी किसी की गवारा यहाँ नहीं
इमाम बख़्श नासिख़
कौन सा तन है कि मिस्ल-ए-रूह इस में तू नहीं
इमाम बख़्श नासिख़
हैं अश्क मिरी आँखों में क़ुल्ज़ुम से ज़्यादा
इमाम बख़्श नासिख़
है मोहब्बत सब को उस के अबरू-ए-ख़मदार की
इमाम बख़्श नासिख़
है दिल-ए-सोज़ाँ में तूर उस की तजल्ली-गाह का
इमाम बख़्श नासिख़
चैन दुनिया में ज़मीं से ता-फ़लक दम भर नहीं
इमाम बख़्श नासिख़
जो मज़े आज तिरे ग़म के अज़ाबों में मिले
इमाम अाज़म
जो मज़े आज तिरे ग़म के अज़ाबों में मिले
इमाम अाज़म
शाही बदला
इलियास बाबर आवान
ग़ैर-निसाबी तारीख़
इलियास बाबर आवान
ले चले हो तो कहीं दूर ही ले जाना मुझे
इकराम आज़म
ख़िरद को ख़ाना-ए-दिल का निगह-बाँ कर दिया हम ने
इज्तिबा रिज़वी
तक़दीर-ए-वफ़ा का फूट जाना
इफ़्तिख़ार राग़िब
सुन सुन के चुप हैं ताना-ए-अग़्यार क्या करें
इफ़तिख़ार अहमद फख्र
क़ुर्बान जाऊँ हुस्न-ए-क़मर इंतिसाब के
इफ़तिख़ार अहमद फख्र
न दे जो दिल ही दुहाई तो कोई बात नहीं
इफ़तिख़ार अहमद फख्र
तसव्वुर
इफ़्तिख़ार आज़मी
शौक़
इफ़्तिख़ार आज़मी
नज़र जो आया उस पे ए'तिबार कर लिया गया
इफ़्फ़त अब्बास
मिरी मोहब्बत की बे-ख़ुदी को तलाश-ए-हक़्क़-ए-जलाल देना
इफ़्फ़त अब्बास
टूट सकता है छलक सकता है छिन सकता है
इदरीस बाबर
दर्द का दिल का शाम का बज़्म का मय का जाम का
इदरीस बाबर