एलान नामा

मैं लाख बुज़दिल सही मगर मैं उसी क़बीले का आदमी हूँ कि जिस के बेटों ने

जो कहा उस पे जान दे दी

मैं जानता था मिरे क़बीले की ख़ेमा-गाहें जलाई जाएँगी और तमाशाई

रक़्स-ए-शोला-फ़िशाँ पर इसरार ही करेंगे

मैं जानता था मिरा क़बीला बुरीदा और बे-रिदा सरों की गवाहियाँ

ले के आएगा फिर भी लोग इंकार ही करेंगे

सो मैं कमीं-गाह-ए-आफ़ियत में चला गया था

सो मैं अमाँ-गाह-ए-मस्लहत में चला गया था

और अब मुझे मेरे शहसवारों का ख़ून आवाज़ दे रहा है

तो नज़्र-ए-सर ले के आ गया हूँ

तबाह होने को एक घर ले के आ गया हूँ

मैं लाख बुज़दिल सही मगर मैं उसी क़बीले का आदमी हूँ!

(1090) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Elan Nama In Hindi By Famous Poet Iftikhar Arif. Elan Nama is written by Iftikhar Arif. Complete Poem Elan Nama in Hindi by Iftikhar Arif. Download free Elan Nama Poem for Youth in PDF. Elan Nama is a Poem on Inspiration for young students. Share Elan Nama with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.