हम हैं तहज़ीब के अलम-बरदार
हम को उर्दू ज़बान आती है
Anwar Masood
Javed Akhtar
Gulzar
Wasi Shah
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(656) Peoples Rate This
होश खो कर जोश में कुछ इस तरह मैं बह गया
मज़ाक़-ए-ग़म उड़ाना अब मुझे अच्छा नहीं लगता
राह-ए-हक़ में तुझे हस्ती को मिटाना होगा
दूर रहती हैं सदा उन से बलाएँ साहिल
कोई करता है जब हिन्दोस्तान की बात ए 'साहिल'
जुस्तुजू तेरी तरह ग़म तिरी क़ुर्बत क्या है
सब के होंटों पे वारदात के बअ'द
तिरी सूरत मुझे बताती है
अब हक़ीक़त लग रहा है मेरा अफ़्साना मुझे
जो असासा ज़िंदगी का उस ने जोड़ा उम्र भर
ऐसा नहीं सलाम किया और गुज़र गए