मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी (page 2)
नाम | मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Mushaf Iqbal Tausifi |
जन्म की तारीख | 1940 |
जन्म स्थान | Hyderabad |
कोई बीमार पड़ जाए तो अच्छा कैसे करते हो
किस ने दिया है किस का सात
किस दश्त-ए-तलब में खो गए हम
ख़्वाब हूँ मैं तो मिरी ज़ात से पहले क्या था
कभी हँस रहा था कभी गा रहा था
जो बीती है जो बीतेगी सब अफ़्साने लगे हम को
जाने किस लिए रूठी ऐसे ज़िंदगी हम से
हम थे किसी का ध्यान था वो भी नहीं रहा
हम तिरा साया थे साया हो के
हिकायत-ए-दिल-ए-महज़ूँ न क़िस्सा-ए-मजनूँ
इक ख़्वाब थी ज़िंदगी हमारी
एक ग़म है उसे अपना जानें
चश्म-ओ-गोश पे पहरे हैं
चाँद ने अपना दीप जलाया शाम बुझी वीराने में
अश्कों से ब-रंग-ए-आब हम ने
अपनी ही आवारगी से डर गए
अपना शहकार अभी ऐ मिरे बुत-गर न बना
अब किसी को देख कर इक सम्त मुड़ जाते हैं हम
आती जाती साँस कैसे तेरे ग़म से मन गई