मुझे
एक लड़की ने
एक क़दीम ज़बान में
तहरीर किया है
बहुत पेचीदा है ये ज़बान
कोई भी
मेरी बात की तशरीह नहीं कर पाता
नई ज़बानें सीखने के जुनून में
वो लड़की भी
औरत की क़दीम ज़बान भूल चुकी है
अब मैं
एक शोर के सिवा
कुछ भी नहीं हूँ
Allama Iqbal
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Habib Jalib
Ahmad Faraz
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Anwar Masood
Rahat Indori
Javed Akhtar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(347) Peoples Rate This
बगूला
तुम्हारे जाने के बा'द
मेरा लम्स
मुझे मा'लूम है
मैं एक कहानी लिखता हूँ
हम
तुम ख़ूबसूरत हो
कोमल जज़्बे
दोस्तों से कह दो
मैं ने जो चाहा
लड़की के आँसू
आरा मशीन का कारीगर