तुम
ख़ूबसूरत हो
तुम से ज़ियादा ख़ूबसूरत हैं
तुम्हारे ख़्वाब
ख़्वाबों से ज़ियादा ख़ूबसूरत है
तुम्हारा दिल
जब भी लोगों को
दिखाई देती हो
वो लपकते हैं
तुम्हारे बदन की तरफ़
मुझे तुम्हारे दिल के सिवा
कुछ दिखाई नहीं देता
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Gulzar
Allama Iqbal
Anwar Masood
Habib Jalib
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Jaun Eliya
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गाली
एक और आदमी
तुम्हारे जाने के बा'द
उसे मुझ से मोहब्बत थी
बोझ
मेरे पास बहुत सी बातें हैं
कोमल जज़्बे
मुझे मा'लूम है
तुम जो चाहो कर सकती हो
एक उदास नज़्म
तुम ख़ूबसूरत हो
मैं एक कहानी लिखता हूँ