नाहीद विर्क कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नाहीद विर्क

नाहीद विर्क कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नाहीद विर्क
नामनाहीद विर्क
अंग्रेज़ी नामNaheed Virk
जन्म स्थानMichigan, USA

ज़ब्त होंटों पे आ गया तो फिर

ये जो सुब्ह के बीच दीवार-ए-शब सी उठी लगती है

वो बिछड़ कर निढाल था ही नहीं

उस के हिसार-ए-ख़्वाब को मत कर्ब-ए-ज़ात कर

तेरी राह में रख कर अपनी शाम की आहट

माहताब-ए-वजूद पढ़ते हैं

कोई हिज्र है न विसाल है

कोई ऐसा कमाल हो जाए

जो तू मेरा मुक़द्दर बनते बनते रह गया है

गर दिल से भुलाई मिरी चाहत नहीं जाती

धूल ही धूल अड़ी है मुझ में

भरी रात में जागना पड़ गया है

अज़ाब-ए-हिज्र से अंजान थोड़ी होता है

अक्स भी अर्सा-ए-हैरान में रक्खा हुआ है

अभी से ताक़-ए-तलब पर न तू सजा मुझ को

आँख से ग़म निहाँ नहीं होते

Naheed Virk Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Naheed Virk including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Naheed Virk. Free Download all kind of Naheed Virk Poetry in PDF. Best of Naheed Virk Poetry in Hindi. Naheed Virk Ghazals and Inspirational Nazams for Students.