कैसे बे-सोज़ लोग हो यारो
क्या ख़बर किस जहाँ में रहते हो
मेरे एहसास के शरारे हैं
तुम जिन्हें मेरे शेर कहते हो
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Anwar Masood
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
Gulzar
Habib Jalib
Jaun Eliya
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
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एक आम सी लड़की
डस गई तेरी काएनात मुझे
एक एक्ट्रेस
एक धोका है ये शब-रंग सवेरा क्या है
कैफ़ पर भी है कैफ़ का आलम
बिजलियों की हँसी उड़ाने को
आँखों में सहर झलक रही है गोया
तूफ़ान-ए-ग़म की तुंद हवाओं के बावजूद
एक क्लर्क लड़की
ता हद्द-ए-नज़र दमक रहे हैं ज़र्रे
आप आए तो मुझ को याद आया
इंतिक़ाम-ए-ग़म-ओ-अलम लेंगे