Ghazals of Nasir Kazmi (page 3)
नाम | नासिर काज़मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nasir Kazmi |
जन्म की तारीख | 1923 |
मौत की तिथि | 1972 |
ग़म-फ़ुर्सती-ए-ख़्वाब-ए-तरब याद रहेगी
ग़म है या ख़ुशी है तू
गली गली मिरी याद बिछी है प्यारे रस्ता देख के चल
गली गली आबाद थी जिन से कहाँ गए वो लोग
गए दिनों का सुराग़ ले कर किधर से आया किधर गया वो
फ़िक्र-ए-तामीर-ए-आशियाँ भी है
दुख की लहर ने छेड़ा होगा
दिन का फूल अभी जागा था
दिन ढला रात फिर आ गई सो रहो सो रहो
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
दिल में और तो क्या रक्खा है
दिल धड़कने का सबब याद आया
धूप थी और बादल छाया था
धूप निकली दिन सुहाने हो गए
दयार-ए-दिल की रात में चराग़ सा जला गया
दौर-ए-फ़लक जब दोहराता है मौसम-ए-गुल की रातों को
दफ़अ'तन दिल में किसी याद ने ली अंगड़ाई
अव्वलीं चाँद ने क्या बात सुझाई मुझ को
अपनी धुन में रहता हूँ
आराइश-ए-ख़याल भी हो दिल-कुशा भी हो
आज तो बे-सबब उदास है जी