बर्फ़ानी हवाओं पे तिरा शक हुआ कैसे
बर्फ़ानी हवाओं पे तिरा शक हुआ कैसे
एहसास-ए-सदा मोजिब-ए-दस्तक हुआ कैसे
क्या शहर-ए-वफ़ा मुस्तक़र-ए-बुल-हवसाँ है
चेहरा परी-चेहरों का भयानक हुआ कैसे
ऐ लाला-रुख़ो इश्वा-गरो तंग-क़बाओ
ये लुत्फ़-ओ-करम हम प अचानक हुआ कैसे
शेवा तो तिरा सिर्फ़ सितम था सितम-ईजाद
इख़्लास-ओ-मुरव्वत तिरा मस्लक हुआ कैसे
अब जाँ से गुज़र जा कि तक़ाज़ा-ए-जुनूँ है
'पाशा' तिरी उल्फ़त पे उसे शक हुआ कैसे
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