हाँ उन्हीं लोगों से दुनिया में शिकायत है हमें
हाँ वही लोग जो अक्सर हमें याद आए हैं
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
Habib Jalib
Gulzar
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Wasi Shah
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तआरुफ़
जितने वहशी हैं चले जाते हैं सहरा की तरफ़
उम्मीद
हम क्या जानें क़िस्सा क्या है हम ठहरे दीवाने लोग
जूही का पौदा
तश्बीब
रंग हवा से छूट रहा है मौसम-ए-कैफ़-ओ-मस्ती है
मैं इक फेरी वाला
तन्हाई
हम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद
दिलों की राह पर आख़िर ग़ुबार सा क्यूँ है
तल्ख़-ओ-तुर्श