जाम टकराओ! वक़्त नाज़ुक है
जाम टकराओ! वक़्त नाज़ुक है
रंग छलकाओ! वक़्त नाज़ुक है
हसरतों की हसीन क़ब्रों पर
फूल बरसाओ! वक़्त नाज़ुक है
इक फ़रेब और ज़िंदगी के लिए
हाथ फैलाओ! वक़्त नाज़ुक है
रंग उड़ने लगा है फूलों का
अब तो आ जाओ! वक़्त नाज़ुक है
तिश्नगी तिश्नगी! अरे तौबा
ज़ुल्फ़ लहराओ! वक़्त नाज़ुक है
बज़्म-ए-'साग़र' है गोश-बर-आवाज़
कुछ तो फ़रमाओ! वक़्त नाज़ुक है
(624) Peoples Rate This