कहीं पे चीख़ होगी और कहीं किलकारियां होंगी

कहीं पे चीख़ होगी और कहीं किलकारियां होंगी

अगर हाकिम के आगे भूक और लाचारियाँ होंगी

अगर हर दिल में चाहत हो शराफ़त हो सदाक़त हो

मोहब्बत का चमन होगा ख़ुशी की क्यारियाँ होंगी

किसी को शौक़ यूँ होता नहीं ग़ुर्बत में जीने का

यक़ीनन सामने उस के बड़ी दुश्वारियाँ होंगी

ये होली ईद कहती है भला कब अपने हाथों में

वफ़ा का रंग होगा प्यार की पिचकारियाँ होंगी

मुक़ाबिल में है आया एक जुगनू आज सूरज के

यक़ीनन पास उस के भी बड़ी तय्यारियाँ होंगी

सुखनवर का ये आँगन है 'रज़ा' शेरों की ख़ुश्बू है

ग़ज़ल और गीत नज़्मों की यहाँ फुल-वारियाँ होंगी

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In Hindi By Famous Poet Salim Raza Rewa. is written by Salim Raza Rewa. Complete Poem in Hindi by Salim Raza Rewa. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.