रफ़्तार ओ सदा गुम्बद-ए-अफ़्लाक में आए
कुछ रंग-ए-हया दीदा-ए-चालाक में आए
हर चीज़ मुक़य्यद है किसी के दिल में
दिल टूटे तो जाँ नक़्श-ए-कफ़-ए-ख़ाक में आए
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Gulzar
Javed Akhtar
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
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कनार-ए-बहर है देखूँगा मौज-ए-आब में साँप
बैत-ए-अंकबूत
उन का ख़याल हर तरफ़ उन का जमाल हर तरफ़
शीशा-ए-साअत का ग़ुबार
शोर थमने के बाद
मौसम-ए-संग-ओ-रंग से रब्त-ए-शरार किस को था
हर आग को नज़्र-ए-ख़स-ओ-ख़ाशाक करूँ
आख़िरी तमाशाई
हर जल्वा-ए-हुस्न बे-वतन है
बयान सफ़ाई
दिल भी दामन है फैलाओ सर-ए-शब
लग़्ज़िश पा-ए-होश का हर्फ़-ए-जवाज़ ले के हम