इज़्ज़त उसी की अहल-ए-नज़र की नज़र में है

इज़्ज़त उसी की अहल-ए-नज़र की नज़र में है

सब कुछ बशर में है जो मोहब्बत बशर में है

क्या पूछते हो जौहर-ए-तेग़-ए-निगाह-ए-नाज़

ये उस से तेज़ है जो तुम्हारी कमर में है

क़ासिद सवाल-ए-वस्ल सुनें और वो चुप रहें

क्या क्या न शान-ए-बेख़बरी इस ख़बर में है

क्या जाने किस सवाल का भेजा है ये जवाब

इक तीर इक छुरी कफ़-ए-पैग़ाम्बर में है

और एक बार क़ल्ब को तड़पाए वो निगाह

इतनी सकत अभी तो हमारे जिगर में है

ऐ दिल किसी की याद भी और इज़्तिराब भी

इतना नहीं ख़याल कि मेहमान घर में है

घबराए क्यूँ न कशमकश-ए-नज़अ' से 'दिलेर'

पहला ये इत्तिफ़ाक़ उसे उम्र भर में है

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In Hindi By Famous Poet Syed Ameer Hasan Marharvi Diler. is written by Syed Ameer Hasan Marharvi Diler. Complete Poem in Hindi by Syed Ameer Hasan Marharvi Diler. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.