देखो देखो हयात-ए-फ़ानी देखो
दरिया में हबाब की रवानी देखो
ओ नाम पे ज़िंदगी के मरने वालो
सर से वो गुज़र रहा है पानी देखो
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ज़मीं से आसमाँ तक आसमाँ से ला-मकाँ तक है
जब गुलशन-ए-दहर में था मस्कन मेरा
घटाएँ ऊदी ऊदी मै-कदा बर-दोश-ए-फ़स्ल-ए-गुल
शिकस्त-ए-साग़र-ए-दिल की सदाएँ सुन रहा हूँ मैं
जो हुस्न में आ के नाज़ बन जाता है
आ दिल में फ़ज़ा-ए-तूर बन कर छा जा