Ghazals of Vijay Sharma Arsh

Ghazals of Vijay Sharma Arsh
नामविजय शर्मा अर्श
अंग्रेज़ी नामVijay Sharma Arsh
जन्म की तारीख1995
जन्म स्थानWest Bengal

उस गली तक सड़क रही होगी

तिरे ग़ुरूर मिरे ज़ब्त का सवाल रहा

शहर बेज़ार रहगुज़र तन्हा

रही है यूँ ही नदामत मुझे मुक़द्दर से

नम आँखों में क्या कर लेगा ग़ुस्सा देखेंगे

मिरी वफ़ा की मुकम्मल तू दास्ताँ कर दे

किसी सूखे हुए शजर सा हूँ

जिस भी जगह देखी उस ने अपनी तस्वीर हटा ली थी

दर पे तेरे जो सर झुका लूँगा

बीते वक़्त का चेहरा ढूँढता रहता है

बारा चाँद गए पूनम के प्यार भरा इक सावन भी

बातों बातों में ही उनवान बदल जाते हैं

अब कहाँ दर्द जिस्म-ओ-जान में है

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