दिल तोड़ दिया तुम ने मेरा अब जोड़ चुके तुम टूटे को
वो काम निहायत आसाँ था ये काम बला का मुश्किल है
Rahat Indori
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Habib Jalib
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Gulzar
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(599) Peoples Rate This
तू है और ऐश है और अंजुमन-आराई है
क्या है कि आज चलते हो कतरा के राह से
वो काम मेरा नहीं जिस का नेक हो अंजाम
मुझ से जो न मिलते वो कोई रात न थी
इस ज़माने में ख़मोशी से निकलता नहीं काम
दिल को हम कब तक बचाए रखते हर आसेब से
मजाल-ए-तर्क-ए-मोहब्बत न एक बार हुई
ज़िंदगी अपनी किसी तरह बसर करनी है
शौक़ देता है मुझे पैग़ाम-ए-इश्क़
जो तुझ से शोर-ए-तबस्सुम ज़रा कमी होगी
उस दिल-नशीं अदा का मतलब कभी न समझे
देखना वो गिर्या-ए-हसरत-मआल आ ही गया