Heart Broken Poetry of Abdul Wahab Yakro
नाम | अब्दुल वहाब यकरू |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Wahab Yakro |
कविताएं
Ghazal 18
Couplets 11
Love 14
Sad 9
Heart Broken 8
Hope 1
Friendship 4
Islamic 2
Social 1
ख्वाब 3
Sharab 3
न होवे क्यूँ के गर्दूं पे सदा दिल की बुलंद अपनी
मिरा दिल मुब्तला है झाँवली का
कब करे क़स्द यार आवन का
इस तरह रुख़ फेरते हो सुनते ही बोसे की बात
गुदाज़-ए-आतिश-ए-ग़म सीं हुई हैं बावली अँखियाँ
गल को शर्मिंदा कर ऐ शोख़ गुलिस्तान में आ
अगर वो गुल-बदन दरिया नहाने बे-हिजाब आवे
अगर नहीं क़स्द ऐ ज़ालिम मिरे दिल के सताने का