Coupletss of Abdul Wahab Yakro
नाम | अब्दुल वहाब यकरू |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Wahab Yakro |
कविताएं
Ghazal 18
Couplets 11
Love 14
Sad 9
Heart Broken 8
Hope 1
Friendship 4
Islamic 2
Social 1
ख्वाब 3
Sharab 3
रक़ीबान-ए-सियह-रू शहर-ए-देहली के मुसाहिब हैं
प्यासा मत जला साक़ी मुझे गर्मी सीं हिज्राँ की
न होवे क्यूँ के गर्दूं पे सदा दिल की बुलंद अपनी
ख़म-ए-मेहराब-ए-अबरुवाँ के बीच
कमाँ अबरू निपट शह-ज़ोर हैगा
जो तूँ मुर्ग़ा नहीं है ऐ ज़ाहिद
जिगर में ल'अल के आतिश पड़ी है
जने देखा सो ही बौरा हुआ है
जब कि पहरा है तीं लिबास ज़र्रीं
इश्क़ के फ़न नीं हूँ मैं अवधूत
इश्क़ का तिफ़्ल गिर ज़मीं ऊपर