Heart Broken Poetry of Afzal Gauhar Rao

Heart Broken Poetry of Afzal Gauhar Rao
नामअफ़ज़ल गौहर राव
अंग्रेज़ी नामAfzal Gauhar Rao
जन्म की तारीख1965
जन्म स्थानSargodha

मिरी तो आँख मिरा ख़्वाब टूटने से खुली

मैं एक इश्क़ में नाकाम क्या हुआ 'गौहर'

क्या मुसीबत है कि हर दिन की मशक़्क़त के एवज़

कौन सी ऐसी कमी मेरे ख़द-ओ-ख़ाल में है

हिज्र में इतना ख़सारा तो नहीं हो सकता

एक ही दाएरे में क़ैद हैं हम लोग यहाँ

ज़मीं से आगे भला जाना था कहाँ मैं ने

ये जो सूरज है ये सूरज भी कहाँ था पहले

तेरी दुनिया से ये दिल इस लिए घबराता है

शिकस्त खा के भी कब हौसले हैं कम मेरे

सब को बता रहा हूँ यही साफ़ साफ़ मैं

नींद आई न खुला रात का बिस्तर मुझ से

मैं ख़ुद को इस लिए मंज़र पे लाने वाला नहीं

मैं अपनी ज़ात में जब से सितारा होने लगा

इसी लिए भी नए सफ़र से बंधे हुए हैं

हिज्र में इतना ख़सारा तो नहीं हो सकता

हर आइने में तिरा ही धुआँ दिखाई दिया

देर तक कोई किसी से बद-गुमाँ रहता नहीं

चुप-चाप निकल आए थे सहरा की तरफ़ हम

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